मोदी सरकार का शिक्षा के निजीकरण का कुत्सित षड्यंत्र

मोदी सरकार का शिक्षा के निजीकरण का कुत्सित षड्यंत्र
नॉन नेट फ़ेलोशिप बन्द करने का विरोध करो!

दोस्तो,
7 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी ग्राण्ट्स कमिशन (यूजीसी) ने नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) पास करके न आने वाले छात्रों की फेलोशिप को ख़त्म कर दिया है। इससे एम.फिल. व पी.एच.डी. करने वाले छात्रों को जो फेलोशिप मिलती थी अब वह मिलनी बन्द हो जाएगी। अभी तक नेट की परीक्षा पास करके न आने वाले एम.फिल. के छात्रों को महीने में 5000 और पी.एच.डी. के छात्रों को महीने में 8000 रुपये की फेलोशिप मिलती थी। इसका सीधा-सीधा असर देशभर के छात्रों पर पड़ेगा और उनके लिए अपनी शिक्षा को जारी रख पाना बेहद मुश्किल हो जायेगा। सभी विश्वविद्यालयों समेत हमारे विश्वविद्यालय में भी छात्रों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और ग़रीब घर से आने वाले छात्रों को तो पढ़ाई तक छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा। साफ़ नज़र आ रहा है कि कांग्रेस के बाद अब भाजपा सरकार शिक्षा के बाज़ारीकरण की नीतियों को और भी ज़ोर-शोर के साथ लागू कर रही है। इस घटना के विरोध में दिल्ली में यूजीसी के हेडक्वाटर्स पर छात्रों का संघर्ष जारी है।